लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण का चौथा भाग भाग 5, भाग-6 भाग 7 रक्षा का भारत आना ८भाग २१भ

४४-  दीपक ने श्रवन से की गहन बातचीत

रानीऔर दीपक बेड पर जाने के बाद काफी देर तक सौंदर्या के घर की बातें करते रहे। उनकी बातों का केंद्र बिंदु सौंदर्या ही थी। उसकी भी एक वजह थी, क्योंकि उन्हें भी एक बच्चे की चाहत है। इसलिए उनका पूरा ध्यान सौंदर्या की तरह ही रहता है। बात करते-करते दीपक और रानी कब सो गए, उन्हें पता ही नहीं चला। सोते-सोते सपने में भी गए सौंदर्या को ही देख रहे थे‌, सुबह होने का ज्ञान तो तब हुआ, जब सूरज की किरने चेहरे पर नूर बिखेरने लगी। और चिड़िया चहचहाने लगी। धूप चढ़ आई थी, तब अचानक दीपक और रानी की आंख खुली। दोनों जल्दी से उठे, रानी रसोई में चली गई। दीपक बाथरूम में चला गया, और रानी झटपट चाय बना कर लाई थी उसके बाद दीपक ने ऑफिस की तैयारी की, और रानी ने दीपक के ऑफिस ले जाने के लिए लंच बनाया। काफी देर हो चुकी थी, इसलिए दीपक जल्दी से तैयार होकर अपना लंच बॉक्स लेकर ऑफिस के लिए निकल पड़ा। दीपक ने रानी को कहा- कि खाना बनाकर खा लेना, भूखी मत सो जाना। रानी में दीपक से कहा - ठीक है आप निश्चिंत होकर आफिस जाइए, मैं खाना बनाकर खा लूंगी। भूखी थोड़ी ही रहूंगी।रानी ने दीपक को घर के दरवाजे तक जाकर ऑफिस के लिए विदा किया। और

बाय-बाय करके घर के अंदर चली आई, रानी के पास भी अभी घर के सारे काम बचे थे। सबसे पहले साफ सफाई का काम करके रानी नहाने चले गयी, नहा कर आई तो पूजा पाठ किया। पूजा करके आराम से बैठ गई , और रानी ने नाश्ता किया। नाश्ता करके रानी ने सोचा कि कुछ शॉर्टकट बना लेते हैं। और सब्जी रोटी बनाकर खा ली। खाकर वह टेलीविजन देखते देखते ही पास में पड़े सोफे पर ही थोड़ी देर में सो गई, क्योंकि रात को बहुत देर से सोए थे ।तो उसे नींद आ गई, और जब शाम हुई तो उसकी आंख खुली। तब तक  दीपक ऑफिस से आ गया, और दरवाजे की घंटी की आवाज सुनकर रानी ने उठकर दरवाजा खोला।और उसने टाइम देखा बहुत देर हो गई थी,  उसने दरवाजे पर जाकर देखा कि कौन है, दरवाजा खोला... तो दीपक सामने खड़ा था। दीपक अंदर आया और रानी चाय बनाने चली गई। दीपक ने रानी से एक गिलास पानी लाने को कहा- रानी पानी और चाय दोनों साथ में लेकर आई। दीपक ने पहले पानी पिया, कुछ देर रुक कर चाय पी फिर दीपक  थोड़ा आराम करने कमरे में चला गया। रानी भी उसके पीछे पीछे चली गई। दीपक आराम करने के लिए लेट गया था, और रानी उसके पास बैठी बातचीत कर रही थी। रानी दीपक से बोली कि आप किसी डॉक्टर का पता लगाइए ।अब हम किसको दिखाएं,कि हो सके तो हमें भी एक औलाद मिल जाए। 

दीपक ने श्रवन से कहा था कि वो उसे कुछ बताने वाला है। अब तो वह भी इन सारी चीजों से फ्री हो गया है, तो उससे बात करता हूं। दीपक ने श्रवण को कॉल लगाया और श्रवन से बात की। फिर  दीपक को बताया कि वह उसे एक डाक्टर का पता बताएगा। श्रवन ने दीपक को कल पर्सनली मिलने बुलाया है। श्रवन  ने कहा- कि दीपक की बातें फोन पर करने वाली नहीं है तो कल मेरे घर आ जाओ मैं तो यह सारी बातें बता दूंगा दीपक ने कहा- कि ठीक है, मैं कल आता हूं।

अगले दिन दीपक श्रवन से मिलने उसके घर गया। श्रवन ने दीपक को उसके अपने कमरे में बुलाया ,और बहुत ढेर सारी बातें की। श्रवन ने बताया- कि मैं यह बात किसी को बताना नहीं चाहता हूं। परंतु रानी की बेचैनी देखकर मैं तुम्हें बता रहा हूं। लेकिन मुझसे वादा करो, यह बात तुम्हारे मुंह के बाहर नहीं जाएगी। दीपक ने वादा किया, कि वाह क्या बात किसी को नहीं बताएगा। अब श्रवन ने अपने मित्र दीपक को बताया कि जहां श्रेया का इलाज पहले चल रहा था, वह जहां भर्ती थी। श्रेया का इलाज उसी डाक्टर ने किया था और उसी डॉक्टर ने श्रेया का इलाज किया थी अचानक पता नहीं क्या हुआ जो श्रेया की हालत इतनी खराब हो गई कि श्रेया को दूसरे हॉस्पिटल मैं सिफ्ट करना पड़ा।अगर ऐसा नहीं करना पड़ता तो शायद हमारी मुलाकात भी संभव नहीं थी। यह तो हम तुम्हारे ससुर के हॉस्पिटल में श्रेया को लेकर भर्ती थे, तभी हमारी जान पहचान भगवान का आशीर्वाद ही है। शायद इसलिए तुम श्रेया को लेकर इस अस्पताल तक भी आए और मुलाकात दोस्ती में बदल गयी।

श्रवन ने दीपक से कहा कि कल तुम रानी को लेकर मेरे साथ उस डॉक्टर के पास चलो, मैं उनसे तुम्हारी बात करा देता हूं, और वह रानी का चेकअप भी कर लेंगे। और जो भी होगा वह तुरंत उसका जवाब भी दे देंगे। हो सकता है कि रानी भी उनके इलाज के बाद मां बन जाए । क्योंकि उनका  हाथ बहुत अच्छा है। यह सुनकर दीपक को ऐसा लगा, जैसे तपती धरती पर किसी ने बरसात कर दी हो।उसके मन की बातें सुन दीपक  मन ही मन कह रहा है।  आमीन। ऐसा हो जाए,और रानी भी मां बन जाए तो उनकी भी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाए। ऐसा कहकर दीपक चलने के लिए उठा और बोला अब मैं चलता हूं।कल मैं रानी को लेकर आऊंगा। श्रवन ने कहा ठीक है कल मिलते हैं। कह कर दीपक चला गया। घर जाकर दीपक ने सारी बात रानी को बताई ।और रानी यह सब सुनकर बहुत खुश हो गई उसे लगा कि सब कुछ उसकी मर्जी के मुताबिक भगवान की दया से हो रहा है। दीपक मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि हे भगवान जो कुछ श्रवन ने कहा है, वह सब संभव हो जाए ।और रानी एक बार मां बन जाए। बेटा हो या बेटी इसकी चिंता नहीं है। बस एक बच्चा रानी की गोद में आ जाए।और रानी का मनोरथ पूर्ण हो जाए तो वह दोनों ही बहुत खुश हो जाएंगे। रानी और दीपक दोनों भगवान से यही अपने कर रहे थे कि भगवान सब कुछ अच्छा कर दीजिए। अब उनको कल का इंतजार है कि कब कल हो और वह डॉक्टर के पास जाए। रात भर बेचैनी में गुजरी। सुबह

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3 Comments

नंदिता राय

01-Oct-2022 09:35 PM

Nice part

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Bahut khoob 💐👍

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Gunjan Kamal

25-Sep-2022 02:36 PM

शानदार भाग

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